Thursday, October 04, 2012

भारत निर्वाचन आयोग

प्रश्न 1 : कौन सा प्राधिकरण भारत के राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है?
उत्तर 1 : भारत निर्वाचन आयोग (ई.सी.आई.)। भारत के संविधान के अनुच्छेद 324(1) के अधीन भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों के संचालन का अधीक्षण, निदेशन और नि‍यंत्रण भारत निर्वाचन आयोग में निहित है। इसके विस्तृत उपबंध ‘राष्ट्रपतीय और उपराष्ट्रपतीय निर्वाचन अधिनियम, 1952’ और उसके अधीन बनाए गए नियमों के अन्तर्गत बनाए जाते हैं।
प्रश्न 2 : कौन सा प्राधिकरण संसद के निर्वाचनों का संचालन करता है?
उत्तर 2 : भारत निर्वाचन आयोग (ई.सी.आई)। वही अनुच्छेद 324 संसद के दोनों सदनों के लिए निर्वाचनों के संचालन का अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण भी भारत निर्वाचन आयोग में निहित करता है। इसके विस्तृत उपबंध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम,  1951 और उसके अधीन बनाए गए नियमों के अधीन बनाए जाते हैं।
प्रश्न 3 : कौन सा प्राधिकरण राज्य विधान सभाओं और विधान परिषदों के निर्वाचनों का संचालन करता है ?
उत्तर 3 : भारत निर्वाचन आयोग (ई.सी.आई.)। अनुच्छेद 324(1) राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के लिए भी निर्वाचनों के संचालन का अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण भारत निर्वाचन आयोग में निहित करता है। इसके विस्तृत उपबंध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और उसके अधीन बनाए गए नियमों के अधीन बनाए जाते हैं।
प्रश्न 4 : निगमों, नगरपालिकाओं और दूसरे स्थानीय निकायों के लिए निर्वाचनों का प्राधिकार किसे है ?
उत्तर 4 : राज्य निर्वाचन आयोग (एस.ई.सी.)। निगमों, नगरपालिकाओं, जिला परिषदों, जिला पंचायतों, पंचायत समितियों, ग्राम पंचायतों और दूसरे स्थानीय निकायों के निर्वाचन के संचालन के लिए शक्ति‍याँ संविधान (तिहत्तरवाँ और चौहत्तरवाँ) संशोधन अधिनियम, 1992 के अधीन प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में गठित राज्य निर्वाचन आयोग में निहित हैं। ये आयोग भारत निर्वाचन आयोग से स्वतंत्र है।
प्रश्न 5 : निर्वाचन आयोग की वर्तमान संरचना क्या है ?
उत्तर 5 : एक तीन-सदस्यीय निकाय।
वर्तमान में एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्त सहित भारत निर्वाचन आयोग एक तीन-सदस्यीय निकाय है।
प्रश्न 6 : क्या भारत निर्वाचन आयोग प्रारम्भ से ही बहु-सदस्यीय निकाय है?
उत्तर 6 : नहीं।
यह प्रारम्भ से बहु-सदस्यीय निकाय नहीं था। जब यह पहले पहल 1950 में गठित हुआ तब से और 15 अक्तूबर, 1989 तक केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहित यह एक एकल-सदस्यीय निकाय था। 16 अक्तूबर, 1989 से 1 जनवरी, 1990 तक यह आर.वी.एस. पैरीशास्त्री (मु.नि.आ.) और निर्वाचन आयुक्त के रूप में एस.एस. धनोवा और वी.एस. सहगल सहित तीन-सदस्यीय निकाय बन गया। 2 जनवरी, 1990 से 30 सितम्बर, 1993 तक यह एक एकल-सदस्यीय निकाय बन गया और फिर 1 अक्तूबर, 1993 से यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया।
प्रश्न 7 : वेतन और भत्ते के लिहाज से मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त की हैसियत (स्थिति) क्या है?
उत्तर 7 : सर्वोच्च न्यायालय के जजों के समकक्ष। जैसा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (सेवा शर्तें) अधिनियम, 1992 में निर्धारित है, मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दोनों निर्वाचन आयुक्तों को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के जजों के बराबर वेतन व भत्ते मिलते हैं।
प्रश्न 8 : मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सेवा अवधि क्या है ?
क्या यह निर्वाचन आयुक्तों से भिन्न है ?
उत्तर 8 : मुख्य निर्वाचन आयुक्त अथवा निर्वाचन आयुक्त अपने पद का कार्यभार संभालने की तिथि से 6 वर्ष की अवधि के लिए पदस्थ रहते हैं। फिर भी यदि मुख्य निर्वाचन आयुक्त अथवा निर्वाचन आयुक्त छ: वर्ष की अवधि समाप्त होने से पहले पैंसठ वर्ष की आयु प्राप्त कर लेते हैं तो वह पैंसठ वर्ष की आयु प्राप्त करने की तिथि से अपने पद को छोड़ देंगे।
प्रश्न 9 : जब आयोग बहु-सदस्यीय आयोग बन जाता है तो निर्णय कैसे लिए जाते हैं बहुमत से या एकमत (आम राय) से ?
उत्तर 9 : मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (सेवा शर्तें) संशोधन अधिनियम, 1993 के धारा 10 को नीचे दोहराया जाता है:-
(1) निर्वाचन आयोग सर्वसम्मत निर्णय के द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के बीच कार्यो के सम्पादन और कार्यों के आबंटन से संबंधित कार्यविधि का विनियमन कर सकते हैं।
(2) उपधारा (i) के उपबंधों के अतिरिक्त निर्वाचन आयोग के सभी कार्य, यथासम्भव, सर्वसम्मति से सम्पादित किए जाएंगे।
(3) उपधारा (ii) के उपबंधों के अधीन, यदि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त किसी मामले पर मतभेद रखते हों, तो ऐसे मामले में बहुमत की राय के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
प्रश्न 10 : मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियु‍क्ति‍ कौन करता है ?
उत्तर 10 : राष्ट्रपति।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 324(2) के अधीन मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियु‍क्ति‍ का अधिकार भारत के राष्ट्रपति को दिया गया है।
प्रश्न 11 : निर्वाचन आयुक्तों (मुख्य निर्वाचन आयुक्त को छोड़ कर) की संख्या कौन निश्चित करता है ?
उत्तर 11 : राष्ट्रपति।
संविधान का अनुच्छेद 324(2) मुख्य निर्वाचन आयुक्त को छोड़कर समय समय पर निर्वाचन आयुक्तों की संख्या को निश्चित करने का अधिकार भी भारत के राष्ट्रपति को देता है।
प्रश्न 12 : किसी राज्य में निर्वाचन कार्य की देख रेख कौन करता है ?
उत्तर 12 : मुख्य निर्वाचन अधिकारी (मु.नि.अ.)।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20 के साथ पठित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13क के अधीन किसी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्वाचन आयोग के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण के अधीन रहते हुए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के निर्वाचन कार्य की देख रेख का प्राधिकार है।
प्रश्न 13 : मुख्य निर्वाचन अधिकारी को कौन नियुक्त करता है ?
उत्तर 13 : भारत निर्वाचन आयोग (ई.सी.आई.)।
भारत निर्वाचन आयोग राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के परामर्श से उस राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के एक अधिकारी को मुख्य निर्वाचन अधिकारी के रूप में नामनिर्दिष्ट या पदाभिहित करता है।
प्रश्न 14 : किसी जिले में निर्वाचन कार्य की देख रेख कौन करता है ?
उत्तर 14: जिला निर्वाचन आफिसर (जि.नि.अ.)।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 13क के अधीन मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण के अधीन रहते हुए जिला निर्वाचन आफिसर किसी जिले के निर्वाचन कार्य की देख रेख करता है।
प्रश्न 15 : जिला निर्वाचन आफिसर की नियु‍क्ति‍ कौन करता है ?
उत्तर 15 : भारत निर्वाचन आयोग (ई.सी.आई.)।
भारत निर्वाचन आयोग राज्य सरकार के परामर्श से राज्य के किसी अधिकारी को जिला निर्वाचन आफिसर के रूप में नामनिर्दिष्ट या पदाभिहित करता है।
प्रश्न 16 : किसी संसदीय या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचनों के संचालन के लिए कौन
उत्तरदायी होता है ?
उत्तर 16 : रिटर्निंग आफिसर (आर.ओ.)।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 21 के अधीन किसी संसदीय या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का रिटर्निंग आफिसर उस संसदीय या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचनों के संचालन के लिए उत्तरदायी होता है।
प्रश्‍न 17 : रिटर्निंग आफिसर की नियु‍क्ति‍ कौन करता है ?
उत्तर 17 : भारत निर्वाचन आयोग (ई.सी.आई.)।
भारत निर्वाचन आयोग राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के परामर्श से सरकार अथवा स्थानीय निकाय के किसी अधिकारी को प्रत्येक विधान सभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए रिटर्निंग आफिसर के रूप में नामनिर्दिष्‍ट या पदाभिहित करता है। इसके अतिरिक्त भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचनों के संचालन से संबंधित रिटर्निंग आफिसर के कार्यों में उसकी सहायता करने के लिए प्रत्येक विधान सभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए एक या अधिक सहायक रिटर्निंग आफिसर भी नियुक्त करता है।
प्रश्‍न 18 : किसी संसदीय या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावलियों को तैयार करने का उत्तरदायित्व किस पर होता है ?
उत्तर 18 : निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण आफिसर (ई.आर.ओ.)।
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण आफिसर किसी संसदीय या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावलियों को तैयार करने के लिए उत्तरदायी है।
प्रश्न 19 : मतदान केन्द्र पर मतदान का संचालन कौन करता है ?
उत्तर 19 : पीठासीन अधिकारी।
पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारियों के सहयोग से मतदान केन्द्र पर मतदान का संचालन करता है।
प्रश्न 20 : निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की नियुक्ति‍ कौन करता है ?
उत्तर 20 : भारत निर्वाचन आयोग (ई.सी.आई.)।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13ख के अधीन भारत निर्वाचन आयोग राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकार के परामर्श से सरकार के या स्थानीय निकाय के किसी अधिकारी को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के रूप में नियुक्त करता है। इसके अतिरिक्त, निर्वाचन आयोग निर्वाचक नामावलियों को तैयार/पुनरीक्षण करने से संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के कार्यों में उसकी सहायता करने के लिए एक या अधिक सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी भी नियुक्त करता है।
प्रश्न 21 : पीठासीन अधिकारियों और मतदान अधिकारियों की नियुक्ति कौन करता है ?
उत्तर 21 : जिला निर्वाचन अधिकारी (जि.नि.अ.)।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 26 के अधीन पीठासीन अधिकारियों और मतदान अधिकारियों की नियुक्ति जिला निर्वाचन अधिकारी करता है। संघ राज्य क्षेत्रों में यह नियुक्तियाँ रिटर्निंग आफिसर करता है1
प्रश्न 22 : प्रेक्षकों की नियुक्ति कौन करता है ?
उत्तर 22 : भारत निर्वाचन आयोग (ई.सी.आई.)।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20ख के अधीन भारत निर्वाचन आयोग सरकार के अधिकारियों को संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए प्रेक्षक (सामान्य प्रेक्षक और निर्वाचन व्यय प्रेक्षक) के रूप में नियुक्त करता है। वे ऐसे कृत्यों का पालन करते हैं जो निर्वाचन आयोग द्वारा सौपे जाएं। पहले प्रेक्षकों की नियुक्ति आयोग की पूर्ण शक्तियों के अधीन की जाती थी। परन्तु लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में 1996 में किए गए संशोधनों से यह अब कानूनी नियुक्तियाँ हैं। ये आयोग को सीधे रिपोर्ट करते हैं।

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